लाहौर 19 नवंबर 2019 मंगलवार
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ यह कितना दमनकारी और दमनकारी है, इसका जीवंत उदाहरण सामने आया है। ईसाई समुदाय की एक महिला पत्रकार को अपनी नौकरी से महज इसलिए इस्तीफा देना पड़ा क्योंकि उसने मुस्लिम से शादी करने के बाद भी धर्म परिवर्तन नहीं किया था।
इस्लाम में उसके गैर-रूपांतरण के कारण, उसे अपने सहयोगियों से मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा और कार्यस्थल में अपमानित होना पड़ा।
38 वर्षीय मोनिला गिल की शादी मुस्लिम युवक हसनैन जमील से हुई थी, लेकिन उन्होंने शादी के बाद भी उनका साथ नहीं छोड़ा। यह बात उनके मुस्लिम सहयोगियों को पसंद नहीं आई।
मनीला को मानसिक रूप से परेशान किया गया और कार्यस्थल पर अपमानित किया गया। मनीला गिल का मानसिक उत्पीड़न इतना बढ़ गया कि उन्हें अपनी नौकरी से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
मनीला गिल प्रेस क्लब में पंजीकृत होने वाली एकमात्र ईसाई पत्रकार हैं। जमील के अनुसार, 'मोनिला कहती थीं कि कार्यालय में लोग एक स्पष्ट स्वभाव के होते हैं; वे मानते हैं कि मेरा विश्वास बेकार है। फिर भी मैं उम्मीद नहीं छोड़ूंगा और अपने धर्म में दृढ़ रहूंगा।'
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को अच्छी तरह से जाना नहीं जाता है। उन्हें अक्सर यहां सताया जाता है। पाकिस्तान के सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुस्लिम नागरिक अल्पसंख्यक समुदाय पर हमला करते हैं और उनकी संपत्ति पर कब्जा कर लेते हैं। पीड़ितों को भी प्रशासन से न्याय नहीं मिलता है।
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