ठीक हो चुके मरीज भी संक्रमित हो सकते हैं: डब्ल्यू.एच.ओ

नई दिल्ली, शनिवार 25 अप्रैल 2020

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं था कि जो लोग कोरोना वायरस से उबर चुके थे, वे फिर से संक्रमित नहीं होंगे। इसका मतलब है कि ठीक होने वाले लोग दूसरी बार कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में चेतावनी दी है कि "प्रतिरक्षा पासपोर्ट" और "जोखिम-मुक्त प्रमाण पत्र" जारी करना खतरनाक हो सकता है। वर्तमान में लॉकडाउन वाले देशों में कोरोना वायरस की व्यापकता की जांच करने के लिए एंटीबॉडी परीक्षण एक व्यवहार्य विकल्प है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि डब्ल्यूएचओ इस बात की समीक्षा करना जारी रखेगा कि एंटीबॉडीज SARS-CoV-2 पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।

अधिकांश अध्ययनों में पाया गया है कि जो लोग एक संक्रमण से उबर चुके हैं उनमें वायरस के प्रति एंटीबॉडी हैं। संगठन ने यह भी नोट किया कि एंटीबॉडी परीक्षण दो तरीकों से झूठी रिपोर्ट का कारण बन सकते हैं।

कोविद -19 महामारी के इस चरण में एंटीबॉडी की मध्यस्थता की प्रभावशीलता का कोई पर्याप्त सबूत नहीं है और प्रतिरक्षा पासपोर्ट और जोखिम मुक्त प्रमाण पत्र जारी करने की कोई गारंटी नहीं है।

लोग मानते हैं कि वे दूसरी बार संक्रमित नहीं होंगे क्योंकि उनके पास एक प्रतिरक्षा पासपोर्ट है। इसलिए वे सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह की अनदेखी कर सकते हैं। इन प्रमाणपत्रों के इस तरह के उपयोग से संचरण का खतरा बढ़ जाएगा।

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