अंतरिक्ष स्टेशन से मिले नए बैक्टीरिया का नाम एक भारतीय वैज्ञानिक के नाम पर रखा जाएगा


- नए बैक्टीरिया पौधे की वृद्धि के साथ-साथ रोग से लड़ने की पौधों की क्षमता भी प्रदान करते हैं

नई दिल्ली तारीख 24 मार्च 2021 को बुधवार है

नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) के दो शोधकर्ताओं ने एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से एकत्र किए गए नमूने में बैक्टीरिया की एक नई प्रजाति पाई गई है। एक अटकल यह है कि बैक्टीरिया की यह नई प्रजाति अंतरिक्ष अभियानों में हमारी बहुत मदद कर सकती है। हालांकि, भविष्य के शोध से पता चलेगा कि ये बैक्टीरिया मनुष्यों की कितनी मदद कर सकते हैं।

एक भारतीय वैज्ञानिक के नाम पर

नासा के साथ काम कर रहे हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं कस्तूरी वेंकटेश्वरन और नितिन कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें नमूनों में कुल चार बैक्टीरिया मिले। ये जीवाणु मैथिलोबैक्टीरिया परिवार से संबंधित हैं। इन चार बैक्टीरिया में से एक, मेथिलोरुब्रम रोडोडेसियनम को पहली बार खोजा गया था जबकि अन्य तीन बैक्टीरिया काफी नए हैं।

दोनों शोधकर्ताओं के अनुसार, नए बैक्टीरिया का नाम भारत के जैव विविधता वैज्ञानिक डॉ। अजमल खान के बाद मिथाइलोरुब्रम अंजलि के नामकरण की चर्चा है।

इस शोध से क्या लाभ होगा?

अंतरिक्ष स्टेशन से प्राप्त ये नए जीवाणु, पौधों को विकास के साथ-साथ रोग से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, ये जीवाणु अंतरिक्ष में फसल उगाने में भी सहायक हो सकते हैं। हालाँकि, इस मामले पर अभी तक शोध नहीं किया गया है लेकिन अगर यह सच निकला, तो इन जीवाणुओं की मदद से मंगल पर बढ़ती फसलों पर भी शोध किया जाएगा।


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