चीन ने मुंबई में ब्लैकआउट किया, भारत में साइबर हमले का प्रयास किया

नई दिल्ली तारीख 01 मार्च 2021, सोमवार

चीन ने गलावन घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प के बाद पिछले साल भारत में साइबर हमले का प्रयास किया था। इतना ही नहीं, उनके साइबर हमले के कारण, देश की वित्तीय राजधानी मुंबई को एक दिन के लिए ब्लैक आउट कर दिया गया था। देश की आर्थिक राजधानी में, रोशनी चली गई और कोरोना अवधि के दौरान अस्पतालों को जनरेटर चलाना पड़ा। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

गाल्वन हिंसा के चार महीने बाद अचानक बिजली बंद होने के कारण ट्रेनें बंद हो गईं और शेयर बाजार पंगु हो गया। शहर में 20 मिलियन लोग अंधेरे में डूब गए। वेंटिलेटर को चालू रखने के लिए अस्पतालों में आपातकालीन जनरेटर को चालू करना पड़ा और यह वह दौर था जब कोरोना भारत में चरम स्तर पर था। ब्लैकआउट मुंबई में पिछले साल 12 अक्टूबर को हुआ था। अब एक नए अध्ययन में पाया गया है कि ये सभी घटनाएं आपस में जुड़ी हुई थीं।

उल्लेखनीय है कि उस समय भी, भारतीय अधिकारियों द्वारा यह दावा किया गया था कि मुंबई में साइबर हमले के पीछे एक चीनी साइबर हमला हो सकता है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ये सभी घटनाएं चीन द्वारा भारत के पावर ग्रिड को बाधित करने के उद्देश्य से एक बड़े साइबर अभियान का हिस्सा थीं। यही नहीं, चीन ने यहां तक ​​योजना बनाई थी कि अगर भारत ने गालवान पर दबाव डाला, तो वह पूरे देश को अंधकार में डुबो देगा।

अध्ययन में पता चला है कि चीनी मैलवेयर ने हिमालय में चल रहे गतिरोध के बीच भारत में बिजली आपूर्ति नियंत्रण प्रणाली में घुसपैठ की थी। इसमें उच्च वोल्टेज ट्रांसमिशन सबस्टेशन और थर्मल पावर प्लांट भी शामिल थे।

चीनी साइबर हमले को अमेरिकी साइबर फर्म रिकॉर्डेड फ्यूचर ने उजागर किया था। हालांकि, कंपनी ने यह भी सीखा कि अधिकांश मैलवेयर कभी भी सक्रिय नहीं थे। कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी स्टुअर्ट सोलोमन ने बताया कि कैसे चीनी कंपनी रेड इको ने गुप्त रूप से उन्नत साइबर अटैक तकनीक की मदद से भारत में लगभग एक दर्जन पावर ग्रिड को नियंत्रित करने की कोशिश की।

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