क्या है 'आधुनिक गुलामी', यूएन की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे


न्यूयॉर्क, दिनांकित 14 सितंबर 2022 बुधवार

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2021 में पूरी दुनिया में करीब पांच करोड़ लोग आधुनिक गुलामी में जी रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी के कारण अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भारत और मिस्र जैसे देशों में भी जबरन शादी की घटनाएं बढ़ी हैं।

संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार समूह वॉक फ्री की ग्लोबल एस्टीमेट्स ऑफ मॉडर्न स्लेवरी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में पांच करोड़ लोग आधुनिक गुलामी में जीने को मजबूर हैं। जिसमें से 2.8 करोड़ लोग बंधुआ मजदूरी में और 2.2 करोड़ लोग जबरन शादी में फंसे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच सालों में आधुनिक गुलामी में शामिल लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। 2016 की तुलना में 2021 में एक करोड़ अधिक लोग आधुनिक दासता में शामिल हैं।

पांच करोड़ लोग आधुनिक गुलामी में जी रहे थे

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के लगभग हर देश में आधुनिक गुलामी है। जिसका संस्कृति और धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। सभी जबरन विवाहों में से आधे से अधिक, या सभी जबरन विवाहों का 52 प्रतिशत, उच्च-मध्यम-आय और उच्च-आय वाले देशों में पाए जाते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बंधुआ मजदूरी के ज्यादातर मामले निजी क्षेत्र में हैं। प्रवासी श्रमिक गैर-प्रवासी वयस्क श्रमिकों की तुलना में बंदुआ श्रम में लगभग तीन गुना अधिक हो सकते हैं।

2021 में 2.2 करोड़ लोगों को जबरन शादी के लिए मजबूर किया गया

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में दुनिया भर में अनुमानित 2.2 करोड़ लोगों को शादी के लिए मजबूर किया गया। 2016 के वैश्विक अनुमानों की तुलना में जो 66 लाख की वृद्धि का संकेत देते हैं।

जबरन विवाह में विशेष रूप से 16 वर्ष या उससे कम आयु के बच्चों की शादी शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाल विवाह को जबरन विवाह माना जाता है क्योंकि इस उम्र में नाबालिग कानूनी रूप से शादी के लिए सहमति नहीं दे सकती है।

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