यूएनएससी में रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर भारत ने मतदान से परहेज किया


न्यूयॉर्क, दिनांकित 01 अक्टूबर 2022 शनिवार

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में संयुक्त राज्य अमेरिका और अल्बानिया द्वारा एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था। इसने रूस के अवैध जनमत संग्रह और यूक्रेनी क्षेत्रों पर उसके कब्जे की निंदा की। प्रस्ताव में मांग की गई कि रूस यूक्रेन से अपने सैनिकों को वापस बुलाए। इसके लिए UNSC में वोटिंग भी हुई लेकिन भारत ने इससे दूरी बनाए रखी। भारत के साथ-साथ चीन ने भी वोट नहीं दिया और रूस का समर्थन किया। भारत ने अभी तक यूक्रेन में संघर्ष को रूसी आक्रमण नहीं कहा है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 देशों को इस प्रस्ताव पर मतदान करना था, लेकिन रूस ने इसके खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया। यही कारण है कि प्रस्ताव पारित नहीं हो सका। इस प्रस्ताव के समर्थन में 10 देशों ने मतदान किया और चार देशों ने मतदान से परहेज किया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गुरुवार को कहा कि किसी देश द्वारा धमकी या बल प्रयोग के जरिए दूसरे देश के क्षेत्र पर कब्जा करना संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन है।


संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज, जिन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका और अल्बानिया द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर यूएनएससी में भारत का समर्थन किया, ने शांति, कूटनीति और संवाद की बात कही। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में हाल की घटनाओं से भारत बहुत परेशान है। बाद में उन्होंने कहा कि स्थिति की समग्रता को देखते हुए भारत ने मतदान से परहेज किया। हमने हमेशा इस बात की वकालत की है कि मानव जीवन की कीमत पर कभी कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। हम आग्रह करते हैं कि संबंधित पक्षों द्वारा हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं। मतभेदों और संघर्षों को हल करने के लिए संवाद ही एकमात्र उत्तर है।

गौरतलब है कि रूस ने घोषणा की है कि जनमत संग्रह के बाद यूक्रेन के डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन के यूक्रेनी क्षेत्रों और ज़ापोरिज़िया को रूस में शामिल कर लिया गया है।


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